आरबीएसई प्रायोगिक परीक्षाएं 1 जनवरी से शुरू, 13 लाख से अधिक विद्यार्थी होंगे शामिल

RBSE practical exam

आरबीएसई प्रायोगिक परीक्षाएं 1 जनवरी से शुरू, 13 लाख से अधिक विद्यार्थी होंगे शामिल

अजमेर से बड़ी शैक्षिक खबर सामने आई है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की प्रायोगिक परीक्षाएं 1 जनवरी से शुरू हो रही हैं। इन परीक्षाओं में प्रदेशभर से 13 लाख से अधिक विद्यार्थी भाग लेंगे।

परीक्षाओं को सुचारु और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए बोर्ड प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। विद्यार्थियों की सुविधा और निगरानी के लिए बोर्ड स्तर पर कंट्रोल रूम भी शुरू कर दिया गया है।

बोर्ड की तैयारी और आधिकारिक जानकारी

बोर्ड सचिव गजेंद्र सिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर सभी जिलों और विद्यालयों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रायोगिक परीक्षा के अंक उसी दिन ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा, जिससे परिणाम प्रक्रिया समय पर पूरी की जा सके।

आरबीएसई प्रायोगिक परीक्षाएं: मुख्य तथ्य

जानकारी विवरण
बोर्ड राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर
परीक्षा प्रकार प्रायोगिक परीक्षा
शुरुआत तिथि 1 जनवरी
कुल विद्यार्थी 13 लाख से अधिक
अंक अपलोड उसी दिन अनिवार्य
तथ्य: आरबीएसई प्रायोगिक परीक्षा के अंक फाइनल बोर्ड परिणाम का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।

कंट्रोल रूम की भूमिका

बोर्ड प्रशासन द्वारा शुरू किया गया कंट्रोल रूम परीक्षा अवधि के दौरान सक्रिय रहेगा। इसका उद्देश्य परीक्षा से जुड़ी शिकायतों, तकनीकी समस्याओं और अंक अपलोड से संबंधित दिक्कतों का त्वरित समाधान करना है।

विद्यालयों और परीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी समस्या की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

प्रायोगिक परीक्षा में किन बातों पर रहेगा विशेष ध्यान?

1. समय पर परीक्षा संचालन

सभी विद्यालयों को निर्धारित समय-सारणी के अनुसार परीक्षा आयोजित करनी होगी। किसी भी प्रकार का विलंब स्वीकार नहीं किया जाएगा।

2. निष्पक्ष मूल्यांकन

परीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि मूल्यांकन पूरी तरह निष्पक्ष और बोर्ड के नियमों के अनुसार किया जाए।

3. उसी दिन अंक अपलोड

प्रायोगिक परीक्षा समाप्त होते ही उसी दिन अंक ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य रहेगा।

टिप: विद्यालय प्रबंधन पहले से ही इंटरनेट और लॉगिन संबंधी व्यवस्थाएं जांच लें।

विद्यार्थियों के लिए जरूरी निर्देश

  • परीक्षा से पहले सभी प्रयोग और रिकॉर्ड फाइल पूरी कर लें
  • निर्धारित समय से पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचें
  • मौखिक परीक्षा के लिए मूल अवधारणाएं स्पष्ट रखें
  • शिक्षक और परीक्षक के निर्देशों का पालन करें

सामान्य गलतियां जिनसे बचना जरूरी

प्रायोगिक परीक्षा में अक्सर विद्यार्थी कुछ सामान्य गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनके अंक प्रभावित होते हैं।

  • प्रयोग की प्रक्रिया ठीक से न समझना
  • फाइल अधूरी या अव्यवस्थित होना
  • मौखिक प्रश्नों में घबराहट
  • उपकरणों का गलत उपयोग
चेतावनी: नियमों की अनदेखी करने पर परीक्षा परिणाम पर सीधा असर पड़ सकता है।

प्रायोगिक परीक्षा क्यों है इतनी महत्वपूर्ण?

प्रायोगिक परीक्षा विद्यार्थियों के सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ उनके व्यावहारिक कौशल का मूल्यांकन करती है। यह परीक्षा यह तय करती है कि छात्र विषय को वास्तव में कितना समझता है।

इसी कारण बोर्ड प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर विशेष सतर्कता बरतता है और सख्त निर्देश जारी करता है।

निष्कर्ष

आरबीएसई की प्रायोगिक परीक्षाएं 1 जनवरी से शुरू होकर लाखों विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित करेंगी। बोर्ड द्वारा की गई व्यवस्थाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध रहे।

एक शिक्षक के रूप में सलाह है कि विद्यार्थी घबराएं नहीं, पूरी तैयारी और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दें। सही मेहनत और अनुशासन ही सफलता की कुंजी है।

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